A love story in hindi | मेरी आशिकी तुम हो 

Rate this post

हैल्लो दोस्तों – आज मैं आपके लिए a love story in hindi ले कर आया हूँ और मुझे उम्मीद है आपको a love story in hindi बहुत पसंद आएगी | 

मेरी आशिकी तुम हो 

ये कहानी है उस समय  की है जब कॉलेज में २ कंपनियां आकर  चली गयीं थी और मेरा प्लेसमेंट अभी नहीं हुआ था | हौसला बढ़ाने के लिए घर पर माँ थी और महीने में एक बार फोन करके पैसे हैं कि नहीं पूछने वाले पिताजी भी पर मैं उन्हें अपनी मनोदशा बताना नहीं चाहता था ..

 

हाँ एक और भी तो थी मेरे पास जो सब जानती थी | जो हिस्सा रही है इस सफर का….2004 से 2008 तक.. कहानी अब 2005 में हैं जब इंजीनियरिंग कॉलेज में एक साल पूरा हो चूका था और तमाम रैगिंग और शुरूआती इंटेरक्शंस के बावजूद मैं किसी से भी ज्यादा घुल मिल नहीं पाया था, वो थी मेरे ही आस पास और  कई बार बुक बैंक में नज़रें मिली, कई बार एक ही टेबल पर आमने सामने ..

 

नेस्कैफे पर एक ही ग्रुप में खड़े हो कॉफी पी थी पर मैं सिर्फ उसका नाम ही जान पाया था और ये भी श्योर नहीं था ..कि वो भी मुझे नाम से जानती है मुझे याद है… मेरी और उसकी बॉन्डिंग पहली बार एनुअल कॉलेज फेस्ट में हुई थी..जब हम दोनों ही नीली जीन्स और ग्रे टी शर्ट में कॉलेज आये थे और कॉलेज रॉक बैंड के परफॉर्म करने पर..

a love story in hindi

भीड़ से पीछे की तरफ खड़े हो बाकी लोगों को सर हिलाते और नाचते देख रहे थे..शायद मन था भीड़ में शामिल होने.. शायद झिझक भी थी..

 इसीलिए हर बीट पर..दोनों के दाहिने पैर टैप कर रहे थे.. तब तुमसे पहली बार बात हुई थी..

 मैंने सीधे तुम्हारा नाम ही लेके बातें शुरू की थी और उन लोगों पे जोक मारा था..जो नाच रहे थे हैड बैंगिंग करते हुए तुम खिलखिला के हंसी थी..

 फिर तुमने मुझसे पूछा मैं रेगुलरली बुक बैंक क्यों नहीं आता हूँ.. और मैंने जवाब दिया था…बस यूं ही तुम फिर से मुस्कुराईं थीं..

 उस दिन हमने फोन नंबर भी एक्सचेंज किये और फैस्ट ख़त्म होने के बाद.. मैं इधर उधर की बातें करता हुआ.. तुम्हारे साथ वाक् करते हुए तुम्हारे हॉस्टल के गेट तक गया था..

 तुम मेरे फ़ालतू जोक्स पर भी हंसती रहीं थीं..उस शाम मैंने सिगरेट नहीं पी.. और रात में तकरीबन १२:३० बजे..अपने नोकिआ ११०० से “It was nice talking to you ” मैसेज किया था..

फ़ौरन मेरे फोन की बीप बजी..और मैंने उत्सुकता से मोबाइल देखा.. वो मैसेज की डिलीवरी रिपोर्ट थी.. उन दिनों मोबाइल में मैसेज बीप बजना..

 एक अलग ही अहसास होता था.. २ मिनट बाद ही तुम्हारा रिप्लाई आया..”same here

 फिर अगले दिन मैं अपने रूम पार्टनर की प्रेस की हुई शर्ट पहन कॉलेज पहुंचा था.. और हमारी बातों के सिलसिले उस दिन से शुरू हो गए थे.. कैंटीन से लेके..कॉफ़ी तक.. और लैब से लके बुक बैंक तक.. हम साथ ही रहते.. और कॉलेज से लौटने के बाद.. मोबाइल पर मैसेज..

 मुझे याद है.. तुम कैसे पढ़ते वक़्त अपनी उँगलियों में पैन घुमाया करती थीं..

 और न्यूमेरिकल सॉल्व करते वक़्त कैसे अपने बालों की लट को कान के पीछे ले जाया करतीं थीं |  तुम कुछ पूछ न लो इस डर से मैं भी पहले से ही पढ़ के आया करता..और बुक बैंक में नज़रे बचा कर बस तुम्हे देखता..मुझे आज तक याद है..

 कि कैसे मैं कोशिश करता था कि फ़ोन मेमोरी फुल होने पे.. मैं तुम्हारे मैसेज डिलीट न करूँ..कभी सिम में ट्रांसफर करूँ तो कभी ड्राफ्ट बना के सेव कर लूँ.. वो साथिया की रिंगटोन जो तुमने सेंड की थी..वो तब तक मेरी रिंगटोन रही जब तक वो फोन मेरे पास रहा ..

 मुझे याद है कि कैसे तुम कहतीं थी कि हर कैसेट में दूसरा गाना बैस्ट होता है..

 मैं नहीं भूल सकता वो शाम जब हम पहली बार फिल्म देखने गए थे..

 मैंने दोस्त की CBZ उधार ली थी..

 और फिल्म से लौटते वक़्त बस अड्डे के पास गोल गप्पे खाए थे.. उस शाम जब मैंने तुम्हे हॉस्टल छोड़ा था.. तब कैसे हॉस्टल की एंट्री के पास.. हमने घंटों बेवजह की बातें की थीं.. तुम अंदर नहीं जाना चाहती थीं और मैं भी वापस नहीं जाना चाहता था.. बातों बातों में रात का 1 बज गया था, उस दौर में नींद भी कहाँ आती थी..

 मैं नहीं भूल सकता वो अनगिनत बार जब तुमने कहा था कि मेरे जैसे लोग इस दुनिया में रेयर हैं.. और कैसे तुम लकी हो मुझ जैसा दोस्त पाके..अगले ३ साल हम साथ साथ ही थे.. कई बार लड़े..पर हर बार या तो तुमने या मैंने एक हफ्ते की ख़ामोशी के बाद.. बात करने की शुरुआत कर ली..आखिरी सेमेस्टर से पहले तक सब ठीक ही चला.. तुम कैट की तैयारी करती रहीं.. और मैं कैंपस प्लेसमेंट की..

 याद है जब कंपनी आने का नोटिफिकेशन हम दोनों ने साथ ही नोटिस बोर्ड पे देखा था.. और कंपनी क्रिटेरिया में थ्रू आउट फर्स्ट क्लास माँगा था..

 मैं उदास हो गया था ये देख..और तुम्हारी आँखों में चमक थी.. तुमने कहा था कि चलो अच्छा है कम्पटीशन कम हो जाएगा..

 पर तुम मेरी आँखें नहीं पढ़ पायीं थी.. ख़ैर मैंने भी कभी बताया नहीं.. कि कैसे बारहंवी के पेपरों में.. मेरा अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ था..

 और मैं कम्पटीशन से बिना फेल हुए ही बाहर हो गया.. जिस दिन इंटरव्यू हुए.. मैं कॉलेज ही नहीं आया..

 तुम्हें बेस्ट ऑफ़ लक का मैसेज किया..और बैठा रहा हॉस्टल के कमरे में.. शाम को तुम्हारा मैसेज आया..सिलेक्टेड..

 मैंने congrats रिप्लाई किया.. और तुमने नाम गिनाये कि किस किस का सिलेक्शन हुआ है..

 २ दिन बाद तुम्हारे साथ सेलेक्ट हुए लोगों की पार्टी कि खबर भी ऐसे ही उड़ते मिली.. अगली कंपनी आई.. उसमे भी वही क्रिटेरिया था.. मैं अब निराश हो चला था.. और तुम्हारे भी दोस्त बदल चुके थे..

अब तुम्हारे पास एक नया ग्रुप था.. वो लोग जो एक साथ उस कंपनी में प्लेस हुए थे.. और मेरे आस पास.. मेरी ही तरह हारे लोग..जो एजुकेशन लोन के तले दबे थे.. या अपने परिवार के सपनों तले.. आखिरी सेमेस्टर था..

 इस बार तुम्हारे बुक बैंक के साथी भी बदल गए थे.. और मैंने भी बुक बैंक आना बंद कर दिया था..

 अब मैसेज टोन भी कम ही बजती थी..और साथिया वाली रिंगटोन मैंने सिर्फ तुम्हारे नंबर पर ही असाइन कर दी थी..

 एक awkward सी ख़ामोशी आ चुकी थी हम दोनों के बीच..

मैं कई बार तुम्हे फोन करके रोना चाहता था.. अपनी असफलता की कहानियां सुनना चाहता था..

 कई बार नंबर डायल करके रिंग जाने से पहले मैंने काट दिया.. वो अँधेरे के दिन थे..

 फाइनल एग्जाम वाले दिन हम लगभग एक अजनबी की तरह ही मिले.. तुमने पिछले ३ साल याद किये.. और मुझे बताया कि कैसे I have been the best person you have ever meet ..

 हमने एक और बार कॉफ़ी साथ पी..जो संभवतः हमारी आखिरी कॉफी थी..

 मैं उस शाम जयदतर खामोश ही रहा.. जब कॉफ़ी ख़त्म हुई तो मैंने पूछा..चलो हॉस्टल छोड़ देता हूँ.. तुमने मुस्कुरा कर कहा..नहीं.. अभी किसी के साथ मूवी का प्लान है.. उस “किसी” का अंदाजा मुझे भी था.. क्यूंकि वो नेस्कैफे के पीछे से शशांकित भाव से मुझे देख रहा था..पर जिसकी वक़्त ने ली हो..वो दर्द से कराह भी नहीं पाता.. मैं चुप ही रहा..और तुमने जाते जाते कहा .. “Be in touch ”

दोस्तों, आपको ये कहानी a love story in hindi कैसी लगी हमे जरूर बताइयेगा ताकि हम आपके लिए इसी तरह की a love story in hindi ले कर आ सके – धन्यवाद 

Read more stories

Piyar ki kahani // मुहब्बत का ताबूत

Romantic story hindi // मुहब्बत के ख़्वाब

Romantic stories in hindi // मुहब्बत की आग

Story about love in hindi // मुहब्बत  का सफ़र 

Story on love in hindi for lovers // आग का दरिया 

 

Leave a Comment