Hindi Kahaniyan for Kids | Hindi Story | बड़बोला राजा 

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प्यारे बच्चो- आज हम आपके लिए hindi kahaniyan for kids ले कर आये हैं और मुझे पूरी उम्मीद है की आपको ये hindi kahaniyan for kids बहुत पसंद आएगी | 

बड़बोला राजा 

हुत समय पहले की बात है। प्रतापगढ़ के राजा अपनी प्रजा के सुख-दुःख का हमेशा ध्यान रखते थे। दान-पुण्य भी वह खुब करते थे पर प्रजा राजा को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी, क्योंकि राजा बहुत बड़बोले थे। जब भी कोई फरियादी दरबार में अपनी बात कहने आता, तो राजा इधर-उधर की बातें करने लगते। वह बेचारा आता तो न्याय मांगने था, पर राजा की बेतुकी बातें उसे घंटों सुननी पड़तीं। वह सिरदर्द लेकर महल से लौटता। धीरे-धीरे लोगों ने दरबार में जाना ही कम कर दिया। पर राजा तो इन बातों से बेखबर दरबार में बैठे मंत्रियों से ही बातें किया करते। सभी लोग उनकी बातों से परेशान हो चुके थे, पर किसी की इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह महाराज को सच बता सके। सभी को डर लगता था कि महाराज कहीं क्रोधित होकर उन्हें देश-निकाला न दे दें।

 

एक दिन एक सिद्ध महात्मा घूमते-घूमते राज्य में पहुंचे। राजा ने उनका बहुत आदर-सत्कार किया। महात्मा बहुत प्रसन्न हुए। वह राजा से बोले-“मैं तुम्हारी सेवा से बहुत प्रसन्न हूं। तुम मुझसे एक वरदान मांग लो।”राजा खुशी से चहकते हुए राजा खुशी से चहकते हुए बोले-“महात्मा जी, आप मुझे ऐसा वरदान दे दीजिए, जिससे मैं पशु-पक्षियों की भाषा भी समझ सकूँ ।”महात्मा ने मुस्कुरा कर राजा को आशीर्वाद दिया और वहाँ से चल दिए। कुछ ही देर बाद राजा को महसूस हुआ, मानो उनके सामने दो चींटियों की कतारें जा रही हैं, वे कुछ बातें कर रही हैं। राजा उनकी बातें सुनने के लिए जमीन पर बैठ गए। तभी उन्होंने सुना कि एक चींटी रानी चींटी से कह रही थी-“आप तो हर वक्त हमारे साथ काम करती रहती हैं और अपना एक भी पल व्यर्थ नहीं गंवाती हैं। और जरा इस राज्य के राजा को तो देखो, जो हर वक्त कुछ काम-धाम न करके केवल बातें ही करते रहते हैं।” रानी चींटी ने हंसते हुए जवाब दिया-“राजा लगातार बोलकर अपनी सारी ऊर्जा व शक्ति खत्म कर देते हैं। इसलिए उनमें काम करने की ताकत बच ही नहीं पाती है।’ यह सुनकर बाकी चींटियां भी हंस पड़ीं। पर राजा तो यह सुनकर मानो आसमान से गिर पड़े।

आज उन्होंने पहली बार महसूस किया कि केवल बातें करने में उन्होंने अपना कितना अमूल्य समय व्यर्थ ही गंवा दिया, जो कि अब कभी वापस नहीं आ सकता है। राजा परेशान होकर इधर-उधर टहलने लगे। टहलते हुए बगीचे में एक खूबसूरत फूल के पास जाकर खड़े हो गए। फूल पर दो मधुमक्खियां बैठी शहद बनाने के लिए पराग इकट्ठा कर रही थीं। एक मधुमक्खी उन्हें देखकर बोली-“अरे, यह बड़बोले राजा यहाँ क्या कर रहे हैं। मन कर रहा है कि इनकी नाक पर ऐसा डंक मारूं कि सूजकर पकौड़ा बन जाये |

यह सुनकर दूसरी मधुमक्खी आश्चर्य से बोली-“पर तुम ऐसा क्यों कह रही हो? “ पहली मधुमक्खी ने जवाब दिया-“अभी कुछ दिन पहले कुछ
1  शैतान लड़कों ने बड़े-बड़े पत्थर मारकर हमारा शहद का छत्ता तोड़ दिया। इस कारण हममें से कई घायल हो गईं और हमारी महीनों की
मेहनत से बना-बनाया छत्ता टूट गया। जब माली उन लड़कों की शिकायत करने इनके दरबार में पहुंचा, तो इन्होंने बेचारे माली की थोड़ी ही बात सुनी और फिर अपने बारे में बताने लगे। दुखी माली भूखा-प्यासा वहां बैठकर राजा की हां में हां मिलाता रहा।”1 दूसरी मधुमक्खी बोली-“अगर राजा खुद ही बोलने की बजाय दूसरों की बात भी सुनें, तो राज्य को कहीं बेहतर ढंग से चला सकते हैं।’

अब राजा से इसके आगे कुछ नहीं सुना गया। वह चुपचाप एक टीले पर जाकर बैठ गए और अपने बारे में सोचने लगे। दूसरे दिन सुबह उन्होंने सबसे पहले माली को बुलवाया और उसकी पूरी बात सुनकर शैतान लड़कों से उसका हर्जाना दिलवाया। माली सहित सभी दरबारी उनके बदले हुए रूप से हैरान थे और बहुत खुश भी। राजा ने सारा दिन शांत रहकर काम किया और रात में उन्होंने एक अलग प्रसन्नता का अनुभव किया। धीरे-धीरे लोग उनकी दिल से इज्जत करने लगे। अब जब भी राजा पशु-पक्षियों से अपनी प्रशंसा सुनते, तो मुसकराकर आगे बढ़ जाते।

प्यारे बच्चो- मुझे पूरी उम्मीद है की आप सभी को hindi kahaniyan for kids बहुत पसंद आई होगी | 

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