प्यारे बच्चो, आज हम आपके लिए children stories in hindi ले कर आये हैं और मुझे पूरी उम्मीद है की आप सभी पाठको को हमारी ये कहानी बहुत पसंद आएगी |
कहानी एक सबक
एक सरोवर पर हंस का एक जोड़ा रहता था। वर्षा न होने से एक बार बहुत भंयकर अकाल पड़ा। सरोवर का सारा पानी सूख गया और वे पानी के लिए तरसने लगे। तंग होकर उन्होंने दूसरे स्थान के लिए उड़ान भरी। उड़ते-उड़ते रात्रि विश्राम के लिए वे जमीन पर उतरे और एक पेड़ के नीचे जा बैठे। उस पेड़ पर एक कौआ रहता था जो हंस का पूर्व परिचित मित्र था।
मेजबान कौए ने हंस और हंसनी की खूब सेवा की। उस पेड़ के निकट ही एक उजड़ा हुआ गांव था। हंस ने अपने मित्र कौए से एक सवाल पूछ लिया कि भाई यह गाँव कैसे उजड़ गया? कौए ने गोल-मोल सा जवाब दिया कि बस ‘ऐसे ही हो गया, फिर बताऊँगा ।
काफी दिनों के बाद जोर से वर्षा हुई तो हंसनी ने अपने पति से कहा कि चलो अपने निवास स्थान पर चलें। हंस ने अपने मित्र कौए से कहा-“मित्र आपने विपत्ति के समय हमारी सहायता की और एक सच्चे मित्र का फर्ज अदा किया इसके लिए हम आप को धन्यवाद देते है और अब हमें जाने
की आज्ञा दो।”
जब हंस और हंसनी जाने लगे तो कौआ हंस से बोला-“इस हंसनी को कहाँ लिये जा रहे हो यह तो मेरी है।” हंस रुक गया और कौए से बोला-“मित्र, हंसनी तो मेरे साथ आई थी।” कौए ने प्रतिवाद किया, नहीं मानते हो तो पंचायत बुला लो। पंच जो फैसला कर दें उसे दोनों मान लेंगे।
मरता क्या नहीं करता आखिर हंस नजदीकी गाँव की ओर गया। गाँव में जो भी मिला उसे अपनी व्यथा-कथा सुनाई और पंचायत में आने का निवेदन किया। दोपहर बाद कौए के पेड़ के नीचे सभी छोटे-बड़े पंच एकत्रित हुए। हंस की बात सुनने के बाद गाँव वासियों ने कौए को अपनी बात कहने का अवसर दिया।
कौआ बोला-“आदरणीय पंचों आप सब जानते हैं कि मेरे दादा, परदादा इसी पेड़ पर रहते थे। हमारी दादी,परदादी भी हंसनी थी। और मैं भी इसी पेड़ पर हंसनी के साथ रह रहा हूँ इसके आप सब गवाह है। ये हंस मेरा मित्र मेरे पास आकर ठहरा। मुझ से जैसी बनी वैसी सेवा की।चलते समय मेरी हंसनी को लेकर जा रहा है।”
दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद पंचों की काना-फूसी शुरु हो गई। कोई कहता हमने तो हंसनी को इस परिवार में नहीं देखा, दूसरा कहता देखी हो या नहीं देखी हो पर हंसनी कौए को ही मिलनी चाहिए। यह हंस आज है कल चला जाएगा। आखिर हमारा वास्ता तो कौए से ही पड़ेगा।
पंचायत खत्म हुई, न्याय कौए के पक्ष में हुआ। हंस रोता हुआ चल दिया।
कौए ने हंस को आवाज दी और बोला-” हे मित्र! जिस दिन तुम आये थे उस दिन तुमने एक प्रश्न पूछा था कि यह गाँव कैसे उजड़ गया। भइया जब से ऐसे कलयुगी पंच पैदा हो गये तब से यह गाँव उजड़ गया। जब न्याय के साथ पंच भेदभाव करते हैं तो ऐसा ही विनाश होता है। यह हंसनी
तुम्हारी है इसे अपने साथ ले जाओ।”
प्यारे बच्चो, आप सभी को children stories in hindi कैसी लगी हमे जरूर बताइयेगा ,ताकि हम आपके लिए इसी तरह की रोचक कहानियां ले कर आ सके – धन्यवाद
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