Panchatantra Story in Hindi for Kids | शैतान बंदर 

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प्यारे बच्चो- आज मैं आपके लिए panchatantra story in hindi ले कर आया हूँ और बच्चो मुझे आशा है की आपको ये panchatantra story in hindi कहानी बहुत पसंद आयेगी | 

शैतान बंदर 

मोनू एक शैतान बंदर था. हमेशा की तरह उस दिन भी वह जंगल में टहल रहा था, तभी उसे एक पिस्तौल पड़ी मिली._ पिस्तौल पा कर वह खुशी से झूम उठा.उसे मालूम था, आदमी उस का उपयोग मारने के लिए करते हैं. वह मन ही मन कह उठा, ‘वाह, अब तो मैं जंगल का सब से ताकतवर जानवर बन गया हूँ. अब तो में राजा को भी डरा सकता हूँ “खुशी से वह एक डाल से दूसरी डाल पर झूलने लगा”|

थोड़ी देर बाद उस ने मिनी नाम के एक बकरे को अपनी ओर आते देखा. उस ने पिस्तौल तान कर कहा, “तुम जहाँ हो वहीं रुक जाओ. किस से पूछ कर तुम यहाँ  घूम रहे हो?”
मिनी ने कहा, “भला मैं क्यों किसी से पूडूं? यहाँ  तो सब जानवर चरते हैं.”
__”परंतु अब तुम्हें मुझ से पूछना होगा. आज से मैं इस जंगल का राजा हूँ . जाओ, तुरंत लौट जाओ.” “लेकिन, मैं भूखा हूं. मझे थोड़ी देर तो चरने दो,” मिनी ने प्रार्थना की.
इस पर मोनू ने उस की ओर पिस्तौल का निशाना साधते हुए कहा, . “जाते हो या अभी…” बेचारे मिनी बकरे के पास अब तो लौटने के सिवा कोई
चारा नहीं था. वह सोचता जा रहा था कि मोनू को पिस्तौल किस ने दी? मिनी राजा से शिकायत करने के लिए राजमहल की ओर चल दिया.
उसी समय बंटी बंदर उधर से गुजर रहा था. उस के पास केलों का एक गुच्छा था. उसे देखते ही मोनू चिल्ला उठा, “ये केले यहीं पर छोड़ दो और चलते बनो.”
“भाई मोनू , मैं ये केले अपने बीमार पिता के लिए ले जा रहा हूँ| कृपया मझे जाने दो. वह मेरा इंतजार कर रहे होंगे.” “नहीं, मेरे हाथ में यह पिस्तौल देख रहे होया नहीं? जान प्यारी है तो केले रखो और नौ दो ग्यारह हो जाओ,” मोनू ने कड़क कर कहा |

बंटी ने केले रख दिए और सूचना देने के लिए राजा के पास पहुंच गया. इस तरह मोनू  हर आनेजाने वाले को अपनी पिस्तौल दिखा कर मनमानी करने लगा. मोनू के मातापिता ने जब मोन के इस व्यवहार की बात सुनी तो वे दुखी हो गए. मोन के पिता ने उस के सामने जा कर कहा, “मोन बेटे, नीचे उतर आओ. यह खतरनाक हथियार है. इसे हमें दे दो और जानवरों को मत सताओ. यदि राजा को इस बात का पता चल गया तो तुम्हारी खैर नहीं.” यह सुन कर मोनू ठहाका मार कर हंसने लगा, “आज से इस जंगल का राजा मैं हूं. मुझे भला अब किसी से डरने की क्या जरूरत?”

“बद्धिमानी से काम लो और इस से पहले कि जंगल के राजा तुम्हें ललकारें, तुम पिस्तौल मुझे दे दो.” मोनू के पिता ने फिर समझाया. लेकिन मोनू के पास इन सब बातों को सुनने की फुरसत ही कहाँ थी. इधर मिनी बकरे और बंटी बंदर ने जंगल के राजा को
मोनू  की बातें बताईं|

” अपने आप को राजा कहने वाले मोनू की बात सुन कर राजा दहाड़ उठा. उस ने तुरंत अपने सिपाहियों को मोनू को पकड़ कर लाने का आदेश दिया. सिपाही मोनू के पास पहुंचे और उस से राजा के पास चलने को कहा |
___ “कौन राजा है? आज से मैं इस जंगल का राजा हूँ | अब से तुम्हें मेरा आदेश मानना होगा. उस से कहो यदि वह अपनी खैर चाहता है तो मुझ से आ कर मिले.” मोनू ने गुस्से से कहा |
“मोनू , पिस्तौल पा कर तुम अपना व्यवहार भी भूल चुके हो. हमारे साथ चलो, नहीं तो राजा तम्हें कहीं का नहीं छोड़ेंगे.” लेकिन इन सब बातों का मोनू  पर कोई असर नहीं हुआ. सिपाहियों से मोनू के बारे में सुन कर राजा ने कहा, “हमें किसी भी तरह मोनू के हाथ से पिस्तौल छीन लेनी चाहिए| 

मैं समझता हूँ की ,यह काम टोनू लंगूर कुशलता से कर सकता है.” टोनू आया तो राजा ने कहा, “तुम्हारी लंबी पूँछ है. यदि तुम मोनू के पास पहुंच कर उस की जानकारी के बिना पिस्तौल को पूँछ में लपेट कर छीन लो तो काम बन सकता है.” “चिंता मत कीजिए, महाराज.मैं बिना किसी कठिनाई के यह काम कर लूंगा.”

फिर टोनू चुपचाप पेड़ों से होता हुआ नीम के उस छोर तक जा पहुंचा, जहां मोनू बैठा हुआ था. उसे टोनू के आने का पता भी नहीं चला. इधर राजा ने वहां  पहुँच कर कहा, “यह क्या मूर्खता है मोनू , पिस्तौल फेंक कर नीचे आ जाओ. मैं तुम्हें सजा नहीं दूँगा .”

“तुम मुझे क्या सजा दोगे. सजा तो अब मैं तुम्हें दूँगा. तुम मरने के लिए तैयार हो जाओ.” यह कह कर मोनू ने राजा की तरफ पिस्तौल की. इसी समय टोनू ने अपनी लंबी पूँछ  बढ़ाई और पिस्तौल को चारों ओर लपेट कर एक झटके से मोनू के – हाथ से छीन लिया|
अचानक पिस्तौल छिन जाने पर मोनू  हक्काबक्का रह गया. तभी राजा ने उसे गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया.
– अगले दिन दरबार में मोनू ने सब से माफी मांगी..

प्यारे बच्चो- आप सभी को ये panchatantra story in hindi कहानी कैसी लगी हमे जरूर बताइयेगा | 

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