प्यारे बच्चो , आज मैं एक मज़ेदार कहानी ले कर आया हूँ – जो की Shekh Chilli ki Kahaniyan पर आधारित एक काल्पनिक घटना है।
महाझुठा
एक बार सुल्तान ने ऐलान किया कि सबसे बड़े छोटे को पांच हज़ार अशर्फियां नक्द इनआम ही नहीं दी जाएंगी बल्कि सरकार की तरफ से उसे खिताब भी दिया जाएगा।
एक अच्छा खासा मजमा दरबार में लग गया तमाम बूढ़े लोगों का। किसी ने कहा कि उसने हाथी जैसा चूहा देखा है, किसी ने बताया कि उसने ऐसी चींटी देखी है जो बीस किलो दूध देती है और उसका दूध उसने खुद पिया भी है। सुल्तान को किसी का झूट न जंचा। मायूस होकर सुल्तान बोले- “मालूम होता है हमारे मुल्क में सब सच बोलते हैं।
“बेगम ने भी सुल्तान की हामी भरी। तभी शेख चिल्ली चीख पड़े- “यह सुल्तान ही बेवकूफ़ है, इसे गद्दी से उतार देना चाहिए। “सब चौंक पड़े। सबकी निगाहें शेख की तरफ़ उठ गयीं। एकने शेख चिल्ली को टोका- “क्या बकते हो शेख ! सुल्तान तुम्हें फांसी पर चढ़ा देगा।” “यह बेवकूफ है।’ चिल्ली ज़ोर से चिल्लाया। आवाज़ सुल्तान के कानों में पड़ी।
शेख को पकड़ लिया गया और सुल्तान के सामने पेश किया गया। “क्या बक रहे थे तुम? जानते नहीं तुम्हें सजा मिल सकती है, मौत की सज़ा।” सुल्तान चिल्लाया। “नहीं, आप ऐसा नहीं कर सकते । आपको तो मुझे इनआम देना चाहिए।” चिल्लीने बिना डरे सुल्तान से कहा। __ “वह क्यों ?” सुल्तान ने पूछा।
___ “सुल्तान ! क्या इससे भी बड़ा कोई झूट हो सकता है कि आप बेवकूफ हैं ?” चिल्ली ने भी सवाल पूछा। अब सुल्तान मुस्करा उठे। शेख चिल्ली को महाझूटे का खिताब और पांच हजार अशर्फियों का नकद इनआम दिया गया।
Shekh chilli ki kahaniyan
किसकी गलती
जब शेख चिल्ली छोटे थे तो उनकी अम्मी ने उन्हें अठन्नी का तेल लेने के लिए दुकान पर भेजा । तेल लेने के लिए अम्मी ने चिल्ली के हाथ में जो गिलास दिया उसे लेकर चिल्ली दुकान पर पहुंचे। दुकानदार को अठन्नी देकर वे बोले- “लाला! अठन्नी का सरसों का तेल दे दो।
“लाला ने अठन्नी रख ली। गिलास नाप कर तेल भरा तो वह लम्बा गिलास कुल छह आनों में ही भर गया। लाला ने कहा- “लो मियां चिल्ली ! तुम्हारा गिलास तो सिर्फ छह आनों में ही भर गया। अब तुम्हारे दो आने बच गए तो बोलो
दो आनों का क्या दूं?” “दो आने बच गए ?” “हां मियां ! दो आने बच गए हैं। इनका या तो कुछ ले जाओ या पैसे ले लो।” “अम्मी ने तेल ही मंगाया है, पैसे नहीं चाहिए।” चिल्ली ने जवाब दिया। “तो लाओ बर्तन, यह गिलास तो भर गया।” “तो ऐसा करो दो आने का तेल इधर डाल दो।” इतना ककर चिल्ली ने तेल से भरा गिलास औन्धा कर दिया। इससे सारा तेल
लाला के कनस्तर में ही गिर गया और वह गिलास खाली हो गया। चिल्ली मियां ने गिलास की पेन्दी में दुअन्नी का तेल ले लिया और घर पहुंच गए। घर आकर मां को गिलास दिया तो वह बोली- “आठ आने का तेल इतना सा लाया है, और तेल कहां है ?” “यह रहा।” इतना कहकर चिल्ली ने
गिलास उलटा कर दिया। ऐसा करने से गिलास की पेन्दी में भरा हुआ दुअन्नी का तेल भी बिखर गया। छह आनों का तेल तो चिल्ली मियां लाला के कनस्तर में ही उन्डेल आए थे।
प्यारे बच्चो , आप सभी को Shekh Chilli ki Kahaniyan कैसी लगी हमे जरूर बताइयेगा ताकि हम आपके लिए इसी तरह की मज़ेदार कहानीयाँ ले कर आते रहे – धन्यवाद
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